कर्णप्रयाग के सिमली क्षेत्र में मां चंडिका राज राजेश्वरी का 14 वर्षों के उपरांत महायज्ञ दयोरा यात्रा प्रारंभ हो रही है जिसका बृहद कार्यक्रम पूरे 10 महीनों तक चलेगा जिसकी शुरुआत 16 अगस्त से ही प्रारंभ हो चुकी है श्री बिश्वंबर सती जी को मां के ब्रह्म गुरु के रूप में जाना जाता हैं, मातृशक्ति एवं मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने ब्रह्म गुरु का भव्य स्वागत और अभिनंदन किया । दयोरा यात्रा पिछले वर्ष शूरू होनी थी लेकिन ब्रह्म गुरु के मां नागिनी देवी की देवरा यात्रा में व्यस्त होने के कारण इस वर्ष 7 सितंबर को फर्स गर्भ गृह से बाहर निकलने का कार्यक्रम रखा गया है और जिसकी तीन दिन तक महाविद्या पाठ से प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और फर्स में शक्ति का संचार किया जाएगा फिर 11 सितंबर को प्रमुख पड़ाव रतूड़ा रहेगा और उन्होंने संपूर्ण क्षेत्र की खुशहाली और सुख समृद्धि की कामना की।
7 सितंबर 2024
जैसे ही मां भगवती राज राजेश्वरी चंडिका देवी गर्भगृह से बाहर आईं, गोल-गोविन्द गुणसांई राजराजेश्वरी चंडिका दयोरा यात्रा (2024-25) की शुरुआत हो गई।
शनिवार की सुबह से ही भारी संख्या में भक्त मंदिर में आकर देवी के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए जुटे। गर्भगृह में देवी के दर्शन के लिए समय तय किया गया था, जिससे भक्तजन नियत समय पर दर्शन कर सकें। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक, पंचांग पूजा और अन्य अनुष्ठान किए गए। इसके बाद, बस्क्वाली गांव के लाटू देवता, सिमली सैनू और अन्य गांवों के भक्तों के साथ शंख और ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच चंडिका मंदिर पहुंचे। भाई-बहन (लाटू देवता और मां चंडिका) के इस भावुक मिलन को देखकर सभी भक्तों में उत्साह फैल गया।
लाटू देवता के स्वागत के बाद, मां चंडिका ने यात्रा की स्वीकृति दी और गर्भगृह से बाहर आकर मंदिर परिसर को भक्तिमय बना दिया। जैसे ही देवी बाहर आईं, पूरे परिसर में माता के जयकारों की गूंज सुनाई दी। देवी को गर्भगृह से बाहर लाकर बनातोली देवी मंडप में स्थापित किया गया।
इस शुभ अवसर पर क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल ने मां चंडिका की पूजा की और क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। मंदिर परिसर में बने पंडाल में महिला मंगल दल, युवक मंगल दल और स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। राजेंद्र सिंह लडोला ने विशाल भंडारे का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही, कुवंर सिंह सेंनवाल टूर एंड ट्रेवल्स सिमली द्वारा एक क्विंटल गेंदे के फूलों से मंदिर को सजाया गया, जिससे मंदिर की शोभा बढ़ गई।
भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन को भीड़ नियंत्रित करने में काफी मेहनत करनी पड़ी। वाहनों की आवाजाही को सुचारू रखने के लिए विभिन्न स्थानों पर पुलिस तैनात की गई और वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था दुग्ध उत्पादन केंद्र सिमली परिसर में की गई।
इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत कर दिया।