उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, और इस बार मामला आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है। हालांकि, अभी तक उनके खिलाफ विजिलेंस ने कोई केस दर्ज नहीं किया है। इस पर कार्रवाई के लिए विजिलेंस को धामी कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है, और आठ अक्टूबर से पहले धामी कैबिनेट को इस पर फैसला लेना है। इस मुद्दे को लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस मामले पर बयान दिया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब वकील विकेश नेगी ने मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाया। नेगी ने विजिलेंस कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि जोशी पर केस दर्ज किया जाए। कोर्ट ने विजिलेंस से इस पर जवाब मांगा, और विजिलेंस ने बताया कि उन्हें कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। इस मामले ने राजनीति को गरम कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मसले पर सरकार को गीता से प्रेरणा लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि धर्मयुद्ध वह है जिसमें न्याय को महत्व दिया जाए, और यही सच्चा धर्म है
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना शुरू कर दी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि गणेश जोशी का विवादों से पुराना नाता है। वह पहले भी सीबीआई के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार सुन चुके हैं। अब इस मामले में जांच होनी है, और विपक्ष चाहता है कि मुख्यमंत्री खुद इस मामले की जांच करवाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सीएम धामी के लिए एक बड़ी परीक्षा है कि वे अपने मंत्री से इस्तीफा दिलवाते हैं या नहीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने बयान में कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह से पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त है। अगर किसी ने कुछ गलत किया है, तो जांच में सब साफ हो जाएगा।