कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला, गैरसैंण 2024
गैरसैंण में 4 नवंबर से 8 नवंबर 2024 तक आयोजित हो रहा कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, कृषि, और पर्यटन को एक मंच पर लाने का अनोखा प्रयास है। मेले का उद्देश्य स्थानीय किसानों, बागवानी विशेषज्ञों, और पर्यटकों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना है, जो क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में योगदान देगा।
मेले का उद्घाटन और प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
इस मेले का भव्य उद्घाटन 4 नवंबर को माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जाएगा, जिनके साथ विशिष्ट अतिथि माननीय विधायक श्री अनिल नौटियाल और अति विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी जी भी दीप प्रज्वलित कर मेले की शुरुआत करेंगे। इस शुभ अवसर पर गैरसैंण और आसपास के क्षेत्र के नागरिकों के साथ-साथ पर्यटक भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
कार्यक्रम का विस्तार: हर दिन नई प्रस्तुतियां
4 नवंबर से शुरू होने वाले इस मेले के हर दिन को विशेष कार्यक्रमों से सुसज्जित किया गया है:
पहला दिन (4 नवंबर) – स्वागत गीत, मेधावी छात्रों का सम्मान, और महिला मंगल दलों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक झांकियां प्रस्तुत की गईं। इसके बाद प्रमुख अतिथियों ने स्टालों का निरीक्षण करेंगे और फिर लोकगायक सौरभ मैठाणी द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति की जाएगी
दूसरा दिन (5 नवंबर) – मुख्य अतिथि माननीय अनिल नौटियाल द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ शुरुआत। इसके बाद स्थानीय विद्यालयों द्वारा सांस्कृतिक झांकियां और जूनियर हाईस्कूल गाँवली के छात्रों ने नृत्य व गीत प्रस्तुत किए। प्रसिद्ध लोकगायक मृणाल रतूड़ी और उनकी टीम ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
अगले तीन दिन (6-8 नवंबर) – स्थानीय और बाहर से आए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, कृषि और बागवानी पर कार्यशालाएं, और पर्यटन विकास को लेकर विभिन्न प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी।
कृषि, बागवानी, और पर्यटन को बढ़ावा
इस मेले में स्थानीय कृषि, जैविक खेती, और बागवानी तकनीकों पर जोर दिया गया है। मेले में लगे स्टालों पर किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और उपकरणों की जानकारी दी जाएगी । बागवानी में नई फसल तकनीक, पौधों की देखभाल, और जैविक उत्पादों पर भी विशेष रूप से जानकारी दी जाएगी।
सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन
गैरसैंण मेला उत्तराखण्ड की पारंपरिक कला और संस्कृति को उजागर करने का एक अनूठा अवसर है। यहां स्थानीय लोकनृत्य, संगीत, और हस्तशिल्प के साथ-साथ उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया जाता रहा है। पर्यटक इन सांस्कृतिक झांकियों का आनंद ले सकते हैं और स्थानीय शिल्पकारों द्वारा निर्मित वस्त्रों, आभूषणों, और अन्य उत्पादों को खरीद सकते हैं।
पर्यटन के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम
यह मेला क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने का एक प्रभावी साधन है। उत्तराखण्ड सरकार और स्थानीय प्रशासन की पहल से यह मेला न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहा है। मेले में आए पर्यटक गैरसैंण और आसपास की सुंदरता का अनुभव करते आ रहे हैं और यहाँ के पर्यटन स्थलों को करीब से जान पा रहे हैं।
सारांश
कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला, गैरसैंण 2024 , 4 से 8 नवंबर तक हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, कृषि और बागवानी की नई तकनीकों पर जानकारी, और पर्यटन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। यह मेला उत्तराखण्ड के ग्रामीण विकास, संस्कृति, और पर्यटन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।