कर्णप्रयाग:- उत्तराखंड जल संस्थान की लापरवाही दूषित जल आपूर्ति

उत्तराखंड जल संस्थान की लापरवाही: दूषित जल आपूर्ति से जनता की सेहत खतरे में

उत्तराखंड जल संस्थान विभाग की लापरवाही और निकम्मेपन का ताजा उदाहरण हाल ही में चमोली जिले के कर्णप्रयाग के देवतोली में देखने को मिला, जहां पीने के पानी के नल से एक सड़ा हुआ मेंढक निकल आया। यह घटना न केवल आम जनता के स्वास्थ्य के प्रति विभाग की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि जल आपूर्ति प्रणाली कितनी बदहाल स्थिति में है।

दूषित पानी से गंभीर स्वास्थ्य संकट

साफ और सुरक्षित पेयजल हर नागरिक का बुनियादी अधिकार है, लेकिन उत्तराखंड जल संस्थान की लापरवाही के कारण लोगों को जहरीला और गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। जल आपूर्ति पाइपलाइनें नालियों के अंदर से गुजर रही हैं, जिससे पानी में बैक्टीरिया, कीटाणु और अन्य हानिकारक तत्व मिल जाते हैं। इससे टाइफाइड, पीलिया, डायरिया और अन्य जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

विभाग की लापरवाही और जिम्मेदारी से बचाव

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि जल संस्थान विभाग अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है। नियमित पाइपलाइन सफाई और रखरखाव न होने से पाइप सड़ चुके हैं और उनमें जगह-जगह लीकेज हो रही है। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण नागरिकों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है, जिससे उनकी सेहत पर सीधा असर पड़ रहा है।

सरकार और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे इस गंभीर मामले पर तुरंत ध्यान दें। जल आपूर्ति व्यवस्था की विस्तृत जांच कर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, पाइपलाइनों की नियमित सफाई और मरम्मत सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

नागरिकों को भी जागरूक होने की जरूरत

इस तरह की लापरवाही के खिलाफ नागरिकों को भी आवाज उठानी होगी। दूषित पानी की शिकायतें जल संस्थान को लिखित रूप में देनी चाहिए और अगर सुनवाई न हो तो उच्च अधिकारियों और मीडिया के माध्यम से दबाव बनाना जरूरी है। स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, और इसके लिए हमें स्वच्छ जल की मांग को मजबूती से उठानी चाहिए।

अगर उत्तराखंड जल संस्थान अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं करता है, तो हजारों लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। अब समय आ गया है कि इस तरह की लापरवाहियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में कोई भी नागरिक दूषित जल की वजह से बीमार न पड़े।

 

टीम खबरसार

 

रामनगर: पांच महीनों में 19 लोग एचआईवी संक्रमित, किशोरी से संपर्क का संदेह; स्वास्थ्य विभाग सतर्क


रामनगर: 19 लोग एचआईवी संक्रमित, किशोरी से संपर्क का संदेह।

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के रामनगर इलाके से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पांच महीने में 19 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं. बताया जा रहा है कि अधिकांश लोग एक किशोरी के साथ संपर्क में आए थे. स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि युवती के संपर्क में आए अन्य लोग भी एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं. वहीं एचआईवी संक्रमित कई लोगों की पत्नियां भी पॉजिटिव पाई गई है.

अप्रैल महीने से अब तक 19 लोग पाए गए एचआईवी पॉजिटिव:

 स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब एचआईवी संक्रमित सभी लोगों की काउंसलिंग शुरू कर दी है. साथ ही उनका इलाज भी किया जा रहा है. नैनीताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरीश पंत बताया कि नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में पिछले 4 सालों में 75 एचआईवी पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं, लेकिन इस साल अप्रैल महीने से लेकर अभी तक एचआईवी संक्रमित के 19 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया.

किशोरी के संपर्क में आए युवक पाए गए एचआईवी पॉजिटिव:

स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि इस साल एचआईवी पॉजिटिव युवा ज्यादा हैं. बताया जा रहा है कि एचआईवी पॉजिटिव ज्यादातर लोग एक किशोरी के संपर्क में आए हैं. कहा जा रहा है कि किशोरी ड्रग्स एडिक्ट है. युवक ड्रग्स का लालच देकर उसके संपर्क में आए हैं, जहां संपर्क में आए लोगों की तबीयत खराब होने पर जब उन्होंने जांच कराई तो एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं.

एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद युवकों के उड़े हैं होश: 

वहीं, अस्पताल पहुंचे युवकों की जांच में पता चला कि वो सभी एचआईवी पॉजिटिव हैं. जिसके बाद सभी एचआईवी पॉजिटिव युवकों के होश उड़े हुए हैं. काउंसलर की पूछताछ के दौरान केवल इसी किशोरी का नाम सामने आया, जिससे स्पष्ट हुआ कि रामनगर क्षेत्र में एक किशोरी की वजह से अधिकांश लोग एचआईवी संक्रमित हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की शुरुआती जांच में कई शादीशुदा लोगों ने भी किशोरी के साथ संबंध बनाए है. इस वजह से उनकी पत्नियां भी संक्रमित हो गई. स्वास्थ्य विभाग अब संक्रमित लोगों और उनके संपर्क में आए लोगों की टेस्टिंग शुरू कर दी है. बताया जा रहा कि एचआईवी संक्रमित की संख्या बढ़ सकती है

एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को दी जाती है निशुल्क दवा:

अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 26 नए मामले सामने आए, जबकि इसी साल अप्रैल से अक्टूबर तक 19 लोग संक्रमित पाए गए. सभी संक्रमित युवक हैं. नैनीताल सीएमओ हरीश पंत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सेमिनार और जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिसमें एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को निशुल्क दवा दी जाती है. उनकी पहचान को गोपनीय रखा जाता है.