देहरादून: सीएम योगी आदित्यनाथ की मां की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, प्रशासन अलर्ट पर

सीएम योगी आदित्यनाथ

देहरादून: सीएम योगी आदित्यनाथ की मां की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, प्रशासन अलर्ट पर

देहरादून: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मां सावित्री देवी की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, उनकी हालत फिलहाल स्थिर है, लेकिन डॉक्टरों की टीम उनकी लगातार निगरानी कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जल्द ही अपनी मां से मिलने देहरादून आने की संभावना है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है, और जौलीग्रांट एयरपोर्ट से अस्पताल तक पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती, डॉक्टरों की निगरानी में इलाज

सावित्री देवी को दो दिन पहले तबीयत बिगड़ने पर जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें वार्ड नंबर 111 के कक्ष संख्या 15 में रखा गया है, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनके इलाज में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि सीएम योगी अपनी मां से मिलने जल्द अस्पताल आ सकते हैं। इस संभावना के चलते प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।

सीएम योगी आदित्यनाथ

photo credit @amarujala

पहले भी खराब हुई थी तबीयत

80 वर्षीय सावित्री देवी की तबीयत इससे पहले जून 2024 में भी बिगड़ी थी, जब उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था। उस समय भी सीएम योगी अपनी मां से मिलने अस्पताल पहुंचे थे।

गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ का पैतृक घर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के पंचूर गांव में स्थित है। उनकी मां सावित्री देवी यहीं रहती हैं। हाल ही में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

चार धाम यात्रा- चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित हो गई हैं

CHAR DHAM

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा जल्द समाप्त होने वाली है, क्योंकि चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित हो गई हैं। इस वर्ष:

– बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात 9:07 बजे बंद होंगे।
– केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर 2024 को सुबह 8:30 बजे बंद होंगे।
– गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को दोपहर 12:14 बजे बंद होंगे।
– यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन, 3 नवंबर को दोपहर 12:05 बजे बंद हो जाएंगे।

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car accidents विद्युत विभाग की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त: एक की मौत, दो घायल

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विद्युत विभाग की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त: एक की मौत, दो घायल

ओखलकांडा (नैनीताल) – 02 अक्टूबर

ओखलकांडा ब्लॉक में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज फिर एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। लूगड़ से तीन किलोमीटर आगे पटरानी पुल के पास एक विद्युत विभाग की गाड़ी करीब 150 मीटर गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

 इस हादसे में एक युवती की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मृतक युवती पटरानी की निवासी थी, जबकि घायल स्थानीय क्षेत्र के रहने वाले हैं।

 

 

खबरसार

श्रीनगर में ABVP ने लहराया जीत का परचम

श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने जीत हासिल की है।

श्रीनगर स्थित बिड़ला परिसर में एबीवीपी के उम्मीदवार जसवंत राणा ने 200 से अधिक वोटों के अंतर से “जय हो” संगठन के उम्मीदवार को हराकर अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। इस चुनाव में “जय हो” संगठन से वीरेंद्र सिंह दूसरे स्थान पर रहे, जबकि “इंडियन स्टूडेंट्स वॉइस” से सौरभ चंद्र तीसरे स्थान पर रहे। विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के पद पर भी एबीवीपी के आशीष पंत को जीत मिली।

ABVP

पौड़ी के बीजीआर परिसर में छात्र संघ अध्यक्ष पद पर एबीवीपी की अभिरुचि नौटियाल निर्वाचित हुईं। खास बात यह है कि वह 24 साल बाद यहां की दूसरी महिला अध्यक्ष बनी हैं। इससे पहले 2000 में संतोष रावत पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई थीं।

वहीं, बादशाहीथौल के स्वामी रामतीर्थ परिसर में छात्र संघ चुनाव बिना किसी मुकाबले के संपन्न हुआ। यहां अध्यक्ष और महासचिव समेत सभी प्रमुख पदों पर एबीवीपी के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। आदित्य रतूड़ी अध्यक्ष और अनुज सजवाण महासचिव बने।

KARANPRAYAG के बहुगुणा नगर में भू-धंसाव 39 परिवार प्रभावित

कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में भू-धंसाव 39 परिवार प्रभावित, विस्थापन और मुआवजे की कार्यवाही जारी

KARANPRAYAG (चमोली, उत्तराखंड) : चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बहुगुणा नगर में भू-धंसाव की समस्या गहराती जा रही है। इस आपदा के कारण 39 परिवारों का जीवन प्रभावित हुआ है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने रविवार को प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और स्थानीय निवासियों की समस्याओं को समझा।

प्रभावित परिवारों के लिए राहत और मुआवजा:

बहुगुणा नगर में भू-धंसाव के चलते कुल 39 परिवारों को विस्थापित करने की योजना बनाई गई है। प्रशासन की ओर से बमोथ और ग्वाड क्षेत्रों में इन परिवारों के पुनर्वास का प्रस्ताव राज्य सरकार को पहले ही भेजा जा चुका है।

एसडीएम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भू-धंसाव से प्रभावित चार परिवारों को राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) की कटिंग के कारण मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि एक अन्य परिवार का मुआवजा प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है। शेष 34 परिवारों के लिए मुआवजा सर्किल रेट के आधार पर निर्धारित किया गया है, और इस दिशा में मूल्यांकन की प्रक्रिया चल रही है।

सिंचाई विभाग का हस्तक्षेप:

इस समस्या के समाधान के लिए सिंचाई विभाग ने भी अपना प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। विभाग द्वारा बहुगुणा नगर के भू-धंसाव क्षेत्र के उपचार के लिए 41 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई है। इस डीपीआर के तहत, क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने और भविष्य में भू-धंसाव की घटनाओं को रोकने के उपायों पर काम किया जाएगा।

KARANPRAYAG

जिलाधिकारी का आश्वासन:

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने प्रभावित परिवारों को आश्वस्त किया कि प्रशासन उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि भू-धंसाव की स्थिति और इसके कारणों का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा, और इस आधार पर राज्य सरकार को मामले के शीघ्र निपटान के लिए अवगत कराया जाएगा।

निष्कर्ष:

बहुगुणा नगर में भू-धंसाव की इस गंभीर स्थिति से प्रभावित लोगों की समस्या को दूर करने के लिए प्रशासन तेजी से कदम उठा रहा है। विस्थापन और मुआवजे की प्रक्रिया जारी है, और प्रशासनिक प्रयासों से जल्द ही प्रभावित परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है।

UTTARAKHAND WEATHER ALERT: कई जिलों में और बारिश की संभावना 29 सितंबर

UTTARAKHAND WEATHER ALERT: कई जिलों में और बारिश की संभावना

29/09/2024

उत्तराखंड में लोगों को बारिश से जल्द राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग ने एक बार फिर पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में बारिश की संभावना जताई है। येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

मानसून का मौसम खत्म होने के साथ ही देहरादून में भारी बारिश हो रही है और ऐसा लग रहा है कि बारिश अभी रुकने वाली नहीं है। इस मौसम में लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ी और मैदानी इलाकों में काफी नुकसान पहुंचाया है। आज कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना है और लोगों को संभावित खतरों से आगाह करने के लिए येलो अलर्ट जारी है।

Uttarakhand weather alert

मौसम विभाग ने पूरे राज्य में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। कुमाऊं क्षेत्र के सभी जिलों के साथ-साथ देहरादून, रुद्रप्रयाग और चमोली समेत गढ़वाल के कुछ हिस्सों में गरज के साथ भारी बारिश की संभावना है। इन इलाकों में तेज बारिश और बिजली गिरने की भी संभावना है। पिथौरागढ़ और बागेश्वर के कुछ इलाकों में बहुत भारी बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, आज फिर कई जिलों में भारी बारिश होगी। देहरादून में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, कुछ इलाकों में गरज के साथ बारिश हो सकती है। दिन में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और रात में 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।

इस मानसून सीजन में भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में पहले ही काफी नुकसान हो चुका है। भूस्खलन और मलबे के कारण कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिन्हें साफ करने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण सड़क यातायात में और भी व्यवधान आ रहा है, जिससे परिवहन को सुचारू रूप से फिर से शुरू करना मुश्किल हो रहा है।

RAMLEELA – जर्मनी के पॉल उत्तराखंड की रामलीला पर कर रहे हैं शोध

RAMLEELA

क्या आप भी जानना चाहेंगे उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की RAMLEELA का ऐतिहासिक महत्व

RAMLEELA

श्रीनगर: उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक आयोजनों ने देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है। यहां आयोजित होने वाले मेले और त्यौहारों का आकर्षण हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसी कड़ी में जर्मनी के पॉल उत्तराखंड की रामलीला और यहां की बोली से प्रभावित होकर शोध के लिए सात समुद्र पार आकर यहां की रामलीला पर अध्ययन कर रहे हैं।

पॉल का यह शोध मुख्य रूप से रामलीला के दर्शकों पर केंद्रित है। वह यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि इस पारंपरिक मंचन का दर्शकों पर क्या प्रभाव पड़ता है और वे इससे क्या सीखते हैं। पॉल के अनुसार, रामलीला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, बल्कि इसके माध्यम से समाज और लोगों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को भी समझा जा सकता है। उनका शोध पौड़ी, श्रीनगर और अल्मोड़ा की रामलीला के मंचन पर आधारित है।

रामलीला देखने के लिए आए पॉल

RAMLEELA

पॉल ने बताया कि दो साल पहले वह गढ़वाल विश्वविद्यालय के लोककला एवं सांस्कृतिक निष्पादन केंद्र में उत्तराखंड की संस्कृति को समझने के लिए आए थे। इस बार विशेष रूप से वह रामलीला पर गहन शोध करने के उद्देश्य से पौड़ी और श्रीनगर पहुंचे हैं। उनका कहना है कि रामलीला का गहराई से अध्ययन करने के लिए इसका मंचन देखना बेहद जरूरी है। इसके बाद पॉल अल्मोड़ा भी जाएंगे।

पौड़ी की रामलीला का ऐतिहासिक महत्व

पौड़ी की रामलीला का अपना एक खास इतिहास है। 1897 में शुरू हुई इस रामलीला को 125 साल पूरे हो चुके हैं और इसे अब तक निरंतर आयोजित किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस रामलीला को युनेस्को ने धरोहर की श्रेणी में रखा है। पारसी शैली में मंचित होने वाली इस रामलीला में हिंदी, संस्कृत, उर्दू, फारसी, अवधि और बृज की चौपाइयों का प्रयोग किया जाता है। वर्ष 2002 से इसमें महिला पात्रों को भी शामिल किया जाने लगा है, जिससे इसका सांस्कृतिक महत्व और अधिक बढ़ गया है।

उत्तराखंड की रामलीला पर इस प्रकार का अंतरराष्ट्रीय शोध उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक साबित हो सकता है।

FMD VACCINATION – नैनीसैण क्षेत्र और कनखुल क्षेत्र (कपीरी पट्टी) में

FMD VACCINATION

FMD VACCINATION- नैनीसैण क्षेत्र और कनखुल क्षेत्र (कपीरी पट्टी) में । नैनीसैण, उत्तराखंड – राज्य के पशुधन को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के उद्देश्य से FMD (खुरपका-मुंहपका) रोग के टीकाकरण का पंचम चरण क्षेत्र में प्रारंभ हो गया है। इस अभियान के तहत कनखुल के पशुधन प्रसार अधिकारी वंशिका बिष्ट …

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बद्रीनाथ धाम हादसा: पिता को बचाने नदी में कूदे बेटे का वीडियो आया सामने, निर्माण कंपनियों की लापरवाही उजागरबद्रीनाथ धाम हादसा: पिता को बचाने नदी में कूदे बेटे का वीडियो आया सामने, निर्माण कंपनियों की लापरवाही उजागर

बद्रीनाथ धाम

बद्रीनाथ धाम:

बद्रीनाथ धाम हादसा: पिता को बचाने नदी में कूदे बेटे का वीडियो आया सामने, निर्माण कंपनियों की लापरवाही उजागर|

मंगलवार सुबह बद्रीनाथ धाम स्थित गांधी घाट से एक पिता और पुत्र अचानक नदी में पैर फिसलने के कारण बह गए थे। बताया जा रहा है कि पिता को बचाने के लिए पुत्र ने नदी में छलांग लगा दी थी। हादसे में पिता को तो बचा लिया गया, लेकिन बेटा अभी भी लापता है। इसी बीच, बेटे का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह अलकनंदा नदी में बहता हुआ दिखाई दे रहा है, और उसकी खोजबीन जारी है।

मलेशिया निवासी सुरेश चंद्र और उनका बेटा डॉक्टर बलराज शेट्टी अपने परिवार के साथ बद्रीनाथ धाम आए थे। अचानक सुरेश चंद्र का पैर फिसल गया और वह अलकनंदा नदी में बहने लगे। बेटे डॉक्टर बलराज ने उन्हें बचाने के लिए छलांग लगाई। पिता को तो सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन बेटा नदी के तेज बहाव में बह गया।

इस घटना के बाद निर्माण कंपनियों की लापरवाही भी सामने आई है। मास्टर प्लान के तहत गंगा घाटों के किनारे हो रहे सुरक्षात्मक कार्यों में गाबर कंपनी द्वारा भारी लापरवाही बरती जा रही है। कंपनी पर मलबा अलकनंदा नदी में डालने के आरोप भी लगे हैं, जिस पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए हैं, लेकिन कंपनी द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

पूर्व ब्लॉक प्रमुख ज्योतिर्मठ, प्रकाश रावत ने बताया कि बद्रीनाथ जैसी संवेदनशील जगह पर मानकों की अनदेखी की जा रही है और स्थानीय लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है, जो कि उचित नहीं है।

KARNAPRAYAG-पिंडर नदी का रौद्र रूप देखकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे

KARNAPRAYAG

KARNAPRAYAG 13 सितंबर 2024 6.30PM

पिंडर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन लगातार नदी किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है। पिंडर के साथ-साथ अलकनंदा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है, जिससे KARANAPRAYAG में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है।

मानसून के इस अंतिम चरण में भारी बारिश ने पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया है। चमोली जिले के एक छोर पर स्थित जोशीमठ में मूसलाधार बारिश हो रही है, तो दूसरी ओर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी बारिश का सिलसिला तीन दिनों से थमा नहीं है। लगातार हो रही बारिश से क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हो गया है, और कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं।

गौचर के पास कमेड़ा में पहाड़ी से जबरदस्त भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा बार-बार प्रभावित हो रही है। यातायात में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और घंटों तक जाम की स्थिति बनी हुई है। श्रद्धालु और स्थानीय लोग लंबे समय तक सड़क पर फंसे हुए हैं, जिससे यात्रा में रुकावटें आ रही हैं। प्रशासन द्वारा मार्ग को साफ करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण समस्या का समाधान करने में समय लग रहा है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा करने से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।

प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल पूरी तरह से सतर्क हैं और नदी किनारे के गाँवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य तेज़ी से चल रहा है। स्थानीय लोगों से भी अपील की जा रही है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।

सिरोबगड़: CHAR DHAM यात्रा के लिए बना चुनौती, भूस्खलन से यात्रा में बाधा-

CHAR DHAM

श्रीनगर, उत्तराखंड – सिरोबगड़, जो CHAR DHAM यात्रा के प्रमुख मार्गों में से एक भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र है, पिछले कई वर्षों से भूस्खलन के कारण एक जोखिमपूर्ण क्षेत्र बना हुआ रहता है। इस क्षेत्र में होने वाले लगातार भूस्खलनों ने इस वर्ष की बारिश के दौरान भी यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़े खतरे उत्पन्न हो गए हैं।

बारिश के मौसम में सिरोबगड़ की पहाड़ियों से बार-बार मलबा और पत्थर गिरने से न सिर्फ यात्रा रुक जाती है, बल्कि कई बार मार्ग भी पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को या तो अपने सफर को रोकना पड़ता है या फिर वैकल्पिक मार्गों से गुजरना पड़ता है, जो समय लेने वाले और जोखिम भरे होते हैं।

CHAR DHAM यात्रा में भूस्खलन के कारण व्यवधान

इस क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या कोई नई नहीं है। हर साल मानसून के दौरान यहां पहाड़ियों से भारी मात्रा में मलबा गिरता है, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो जाती हैं और यातायात बंद हो जाता है। सिरोबगड़ में जारी भूस्खलन से चार धाम यात्रा के अलावा स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार वाहनों को घंटों या यहां तक कि दिनों तक वहीं रुकना पड़ता है, जब तक कि सड़क साफ नहीं की जाती।

प्रशासन की तैयारी और चुनौतियां

हालांकि N.H.A.I उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने इस क्षेत्र में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन अभी तक इन प्रयासों का पूरी तरह से सफल परिणाम नहीं मिल पाया है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के उपाय, जैसे कि जाली लगाना और पत्थरों को रोकने के लिए दीवारों का निर्माण, कुछ हद तक मददगार साबित हुए हैं, लेकिन भारी बारिश के दौरान यह उपाय भी पर्याप्त नहीं हो पाते।

यात्रियों के लिए चेतावनी और सावधानियां

प्रशासन की ओर से यात्रियों को सिरोबगड़ के आसपास के क्षेत्र में यात्रा करते समय सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। यात्रा के दौरान मौसम की जानकारी प्राप्त करना और प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करना आवश्यक है। सिरोबगड़ क्षेत्र में यात्रा करते समय वाहनों को धीमी गति से चलाने और सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी जाती है।

उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन की टीम लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं और सिरोबगड़ में यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए सड़क से मलबा हटाने के प्रयासों में जुटी है। हालांकि, यात्रा पर निकलने वाले श्रद्धालुओं को भी इस क्षेत्र की चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ना चाहिए।

आगे का रास्ता

सिरोबगड़ में भूस्खलन की समस्या का दीर्घकालिक समाधान अब भी एक चुनौती बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां स्थायी समाधान के लिए भूस्खलन रोकने के बड़े और प्रभावी प्रयासों की आवश्यकता है। जब तक यह समस्या हल नहीं होती, चार धाम यात्रा की राह में सिरोबगड़ एक बड़ी बाधा बना रहेगा, और श्रद्धालुओं को सतर्कता से यात्रा करनी होगी।
सिरोबगड़ का यह भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चार धाम यात्रा के लिए एक गंभीर चुनौती है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यात्रा की योजना बनानी चाहिए।

चमोली जिले के सेलंग में सड़क हादसा: टेंपो ट्रैवलर और बस की जबरदस्त भिड़ंत, कई यात्री घायल

चमोली, 11 सितंबर – ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर चमोली जिले के सेलंग के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक टेंपो ट्रैवलर और बस की भीषण टक्कर हो गई। इस हादसे में कई यात्री घायल हो गए हैं, जबकि टेंपो ट्रैवलर का आगे का हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया, जिससे चालक और एक महिला अंदर फंस गए।

हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। घायलों को तुरंत रेस्क्यू कर नजदीकी ज्योतिर्मठ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह दुर्घटना झड़कुला पेट्रोल पंप के सामने हुई, जब तेज रफ्तार में आ रही एक बस गलत दिशा में चल रही थी। ज्योतिर्मठ की ओर जा रही बस ने सामने से आ रहे टेंपो ट्रैवलर को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि टेंपो ट्रैवलर का एक पूरा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, और चालक और एक महिला वाहन के अंदर फंस गए।

स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस और एसडीआरएफ ने दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला। अन्य यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं, जिनका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरातफरी मच गई और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।

पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है और घायलों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

The Pahadi News-खबरसार