सिरोबगड़: CHAR DHAM यात्रा के लिए बना चुनौती, भूस्खलन से यात्रा में बाधा-

श्रीनगर, उत्तराखंड – सिरोबगड़, जो CHAR DHAM यात्रा के प्रमुख मार्गों में से एक भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र है, पिछले कई वर्षों से भूस्खलन के कारण एक जोखिमपूर्ण क्षेत्र बना हुआ रहता है। इस क्षेत्र में होने वाले लगातार भूस्खलनों ने इस वर्ष की बारिश के दौरान भी यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़े खतरे उत्पन्न हो गए हैं।

बारिश के मौसम में सिरोबगड़ की पहाड़ियों से बार-बार मलबा और पत्थर गिरने से न सिर्फ यात्रा रुक जाती है, बल्कि कई बार मार्ग भी पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को या तो अपने सफर को रोकना पड़ता है या फिर वैकल्पिक मार्गों से गुजरना पड़ता है, जो समय लेने वाले और जोखिम भरे होते हैं।

CHAR DHAM यात्रा में भूस्खलन के कारण व्यवधान

इस क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या कोई नई नहीं है। हर साल मानसून के दौरान यहां पहाड़ियों से भारी मात्रा में मलबा गिरता है, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो जाती हैं और यातायात बंद हो जाता है। सिरोबगड़ में जारी भूस्खलन से चार धाम यात्रा के अलावा स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार वाहनों को घंटों या यहां तक कि दिनों तक वहीं रुकना पड़ता है, जब तक कि सड़क साफ नहीं की जाती।

प्रशासन की तैयारी और चुनौतियां

हालांकि N.H.A.I उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने इस क्षेत्र में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन अभी तक इन प्रयासों का पूरी तरह से सफल परिणाम नहीं मिल पाया है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के उपाय, जैसे कि जाली लगाना और पत्थरों को रोकने के लिए दीवारों का निर्माण, कुछ हद तक मददगार साबित हुए हैं, लेकिन भारी बारिश के दौरान यह उपाय भी पर्याप्त नहीं हो पाते।

यात्रियों के लिए चेतावनी और सावधानियां

प्रशासन की ओर से यात्रियों को सिरोबगड़ के आसपास के क्षेत्र में यात्रा करते समय सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। यात्रा के दौरान मौसम की जानकारी प्राप्त करना और प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करना आवश्यक है। सिरोबगड़ क्षेत्र में यात्रा करते समय वाहनों को धीमी गति से चलाने और सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी जाती है।

उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन की टीम लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं और सिरोबगड़ में यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए सड़क से मलबा हटाने के प्रयासों में जुटी है। हालांकि, यात्रा पर निकलने वाले श्रद्धालुओं को भी इस क्षेत्र की चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ना चाहिए।

आगे का रास्ता

सिरोबगड़ में भूस्खलन की समस्या का दीर्घकालिक समाधान अब भी एक चुनौती बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां स्थायी समाधान के लिए भूस्खलन रोकने के बड़े और प्रभावी प्रयासों की आवश्यकता है। जब तक यह समस्या हल नहीं होती, चार धाम यात्रा की राह में सिरोबगड़ एक बड़ी बाधा बना रहेगा, और श्रद्धालुओं को सतर्कता से यात्रा करनी होगी।
सिरोबगड़ का यह भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चार धाम यात्रा के लिए एक गंभीर चुनौती है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यात्रा की योजना बनानी चाहिए।

Viren Bisht: I am the founder of The Pahadi News-Khabarsaar. Despite having expertise in hotel management, he has also taken steps in the direction of journalism. Through my website thepahadinews.com I reach out to people about the culture, news, and important issues of the mountains. My aim is to provide correct and accurate information to every person associated with Uttarakhand and Himalayan regions.